Tuesday, September 20, 2011

अब शूट नहीं, शूटिंग करेगी पुलिस


पटना, जागरण ब्यूरो : पुलिस अब शूट नहीं शूटिंग करेगी। पुलिस की लाठियां चटकातीं तस्वीर और फिर कई दफे फायरिंग (शूट) की नौबत को ध्यान में रख पुलिस ने अब नयी तरकीब निकाली है। तरीका ऐसा कि हंगामा करने वाले देखते ही भागने लगें। डीजीपी अभयानंद ने बताया कि उन्होंने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को यह निर्देश दिया है कि थानों को यह हिदायत दें कि किसी भी तरह के हंगामे में वीडियोग्राफी की जरूर व्यवस्था रखें। अगर मौके पर वीडियो कैमरे की व्यवस्था नहीं हो पाती है तो मोबाइल कैमरे से शूट कर लें। डीजीपी अभयानंद ने बताया कि 2009 में प्रदर्श (इविडेंस) को लेकर कानून में संशोधन किया जा चुका है। अब इविडेंस के रूप में सीडी को भी मान्यता है। पुलिस हंगामा कर रहे लोगों की वीडियोग्राफी पूरे शांत भाव से करायेगी। कहीं से कोई बल प्रयोग नहीं। उक्त सीडी को साक्ष्य के रूप में पुलिस अपने पास रखेगी। न्यायालय में उक्त सीडी के आधार पर संबंधित व्यक्तियों पर स्पीडी ट्रायल चलाया जायेगा। तय आईपीसी के तहत उन्हें सजा दिलायी जायेगी। एक बार सजायाफ्ता हो गये तो न तो नौकरी मिल सकेगी और न ही किसी अन्य सरकारी लाभ को हासिल कर सकेंगे। डीजीपी ने कहा कि आम तौर पर विधि-व्यवस्था को हाथ में लेने वाले लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 426 और 341 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है। 147 का संबंध दंगा से, 341 का रोड जाम है। इन धाराओं के तहत थाने से ही जमानत मिल जाती है पर इसमें सजा भी हो सकती है।

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