Wednesday, September 7, 2011

हमारे लिए तो हैं वे गुरुजी



गया, जागरण प्रतिनिधि:
गया शहर का नूतन नगर मुहल्ला। दिन बुधवार। समय प्रात: 8:15। अचानक मुहल्ले में डीजीपी अभ्यानंद का आगमन होता है। श्री अभ्यानंद सीधे मगध सुपर-30 के क्लास रूम पहुंचते हैं। जहां पूर्व से टारगेट व फाउंडेशन बैच के 38 छात्र-छात्राएं मौजूद हैं। श्री अभ्यानंद का आशीर्वाद बच्चों ने चरण स्पर्श कर ली।
क्लास शुरू होती है। श्री अभ्यानंद बच्चों से 'इंटर एक्शन' करते हैं। सवाल-जवाब का क्रम दस मिनट तक चलता है। श्री अभ्यानंद ने भौतिकी विषय से संबंधित प्रश्न ब्लैकबोर्ड पर लिखा। बच्चों से कहा गया कि वे सवाल का हल ढूंढे। एक-एक कर बच्चों ने अपनी-अपनी कापी आगे की। 'गुरुजी' ने दो कापी की जांच कर कहा- शाबास। इस बीच मीडियाकर्मियों की भीड़ सूचना मिलते ही मगध सुपर-30 पहुंची।
मीडियाकर्मियों ने श्री अभ्यानंद से पूछा कि डीजीपी जैसे महत्वपूर्ण पद पर होने के बावजूद वे कैसे बच्चों के लिए समय निकाल लेते हैं? श्री अभ्यानंद का जवाब था जहां चाह वहां राह। मीडियाकर्मियों ने बच्चों से सवाल किया कि डीजीपी साहेब को अपने बीच पाकर वे कैसा अनुभव कर रहे हैं? बच्चों ने कहा कि 'अभ्यानंद सर हमलोगों के लिए सिर्फ और सिर्फ गुरुजी हैं। हमारे लिए वे कोई अधिकारी नहीं।'
और एसपी की हो गयी क्लास
गया: डीजीपी श्री अभ्यानंद ने बुधवार की सुबह शिवहर के एसपी से मोबाइल पर संपर्क करना चाहा। संपर्क नहीं हुआ। साथ में मौजूद डीआईजी मानवाधिकार रवीन्द्रन शंकरण ने डीजी कंट्रोल के द्वारा मैसेज एसपी को दिया। एसपी शिवहर लाइन पर आ गये। श्री अभ्यानंद उस वक्त बच्चों को पढ़ा रहे थे। क्लास रूम से बाहर निकले। डीजीपी ने कहा- टास्क दिये थे। पूरा नहीं हुआ। उसके बाद जवाब भी समय पर मुख्यालय नहीं पहुंचा। करीब पांच मिनट तक डीजीपी सधे हुए शब्दों में एसपी शिवहर का 'क्लास' लेते रहे। मीडियाकर्मियों ने जब डीजीपी से प्रश्न किया तो जवाब था कि मामला विभागीय है। उन्हें कोई टिप्पणी नहीं करनी है।

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बोधगया (गया), जागरण संवाददाता : तथागत की ज्ञान भूमि (महाबोधि मंदिर) के गर्भगृह में सूबे के पुलिस महानिदेशक अभ्यानंद ने माथा टेक प्रदेश में शांति, प्रेम व अहिंसा की दुआ मांगी। श्री अभ्यानंद ने बुधवार की देर शाम महाबोधि मंदिर में पूजा-अर्चना की। महाबोधि मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के सचिव एन. दोरजे, सदस्य डा. अरविन्द कुमार सिंह व डा. राधाकृष्ण मिश्र ने महानिदेशक श्री अभ्यानंद को शांति व श्रद्धा का प्रतीक खादा भेंट कर स्वागत किया।
डीजीपी श्री अभ्यानंद ने 'जागरण' को बताया कि वे पदभार ग्रहण करने के बाद पहली बार मुख्यालय से सीधे भगवान बुद्ध की ज्ञान स्थली पहुंचे हैं। जहां से पूरे विश्व को शांति, अहिंसा, करुणा, प्रेम व भाईचारे का संदेश मिला है। उन्होंने कहा कि हिंसा से किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकता है। अहिंसा की भूमि मगध व बिहार रही है। भगवान बुद्ध सभी को सद्बुद्धि दे। यही कामना की है।
डीजीपी श्री अभ्यानंद ने कहा कि उनका मानना है कि किसी मनुष्य से घृणा नहीं करनी चाहिए। मनुष्य के कुकृत्य से घृणा हो सकती है। महानिदेशक श्री अभ्यानंद ने सूबे के नागरिकों और पुलिस दोनों को धैर्य रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि महानिदेशक के नाते वे अपनी पूरी बौद्धिक क्षमता व ज्ञान का उपयोग व प्रयोग करेंगे। परिणाम ऊपर वाले के हाथ में है। इस मौके पर डीआईजी मानवाधिकार रवीन्द्रन शंकरण, डीआईजी मगध नैयर हसनैन खां, एसएसपी विनय कुमार व सिटी एसपी सत्यवीर सिंह मौजूद थे।

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गया, जागरण प्रतिनिधि:
श्री अभ्यानंद पुलिस महानिदेशक के पद पर अधिसूचित होने के बाद पहली बार मुख्यालय से बाहर बुधवार को गया पहुंचे। मगध क्षेत्र के अधिकारियों के साथ बैठक की। डीजीपी ने अधिकारियों को टास्क दिया। जानकारी प्राप्त की। बैठक डीआईजी कार्यालय में आयोजित की गयी थी।
श्री अभ्यानंद ने बैठक के बाद 'जागरण' को बताया कि क्षेत्र की समस्या व संसाधन के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को आगे तय की गयी रणनीति के बारे में बताया गया। सभी को टास्क देते हुए स्पष्ट कहा गया है कि वे मामले को गंभीरता से ले। बैठक में मानवाधिकार डीआईजी रविन्द्रन शंकरण व डीआईजी मगध नैयर हसनैन खां, एसएसपी विनय कुमार, सिटी एसपी सत्यवीर सिंह के अलावे औरंगाबाद, जहानाबाद, अरवल व नवादा के पुलिस अधीक्षक मौजूद थे।

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गया, जागरण संवाददाता :
राज्य के 48वें पुलिस महानिदेशक के रूप में अभ्यानंद बुधवार को अपने पैतृक जिला मुख्यालय गया में दिनभर गुजारा। मुख्य आयोजन धर्मसभा भवन में बिहार चैम्बर आफ कामर्स की जिला यूनिट द्वारा किया गया। जिसमें पुलिस महानिदेशक को एक गुरु के रूप में भी अभिनंदन किया गया। साथ ही साथ श्री अभ्यानंद ने भी इस अवसर पर मगध सुपर-30 के शिक्षकों को सम्मानित किया।
इस मौके पर आयोजित अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए पुलिस महानिदेशक ने कहा कि एक दायित्व सौंपा गया है। इसे सहज रूप से निभाया जा सकता है। जिसमें आप सबों का सहयोग भी जरूरी है। किसी तरह की समस्या या कोई जानकारी अगर हो तो उसे शेयर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भौतिक और शारीरिक क्षमता के अनुरूप वे पूरी तरह से दायित्व का निर्वहन सही ढंग से करने के लिए कटिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि साढ़े तीन साल के अपने कार्यकाल में वे चाहते हैं कि भयमुक्त समाज बिहार में बना रहे।
अभिनंदन समारोह में चैम्बर की ओर से जाने-माने समाजसेवी शिवराम डालमिया सहित विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने उन्हें सम्मानित किया। मुख्य रूप से सुपर-30 के बच्चों ने भी अपने गुरुजी को सम्मान दिया। इस मौके पर मानवाधिकार के डीआईजी रवीन्द्रन शंकरण, मगध रेंज के डीआईजी नैयर हसनैन खां, एसएसपी विनय कुमार ने भी पुलिस महानिदेशक के प्रति अपने विचार रखे। कार्यक्रम में मेयर शगुफ्ता प्रवीण, गीता दीदी, सिटी एसपी सत्यवीर सिंह, चैम्बर के अध्यक्ष कौशलेन्द्र प्रताप, पूर्व अध्यक्ष अनूप केडिया, हरि केजरीवाल, राजेश कुमार आदि उपस्थित थे। जयहिन्द पब्लिक स्कूल केच्बच्चों ने पुलिस महानिदेशक के आगमन पर स्वागत गान और गुरु वंदना की।

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