Thursday, March 29, 2012

Nitish Kumar Inaugrate Bihar Police Magazine


साभार : दैनिक हिंदुस्तान 

Sunday, March 25, 2012

Abhayanand : आईआईटी परीक्षा देने जा रहे हैं तो उससे पहले इन्हें पहचान लीजिए!

पटना। डीजीपी अभयानंद पुलिस में अभिनव प्रयोगों से चर्चा में हैं। लेकिन सुपर 30 के संस्थापक के रूप में उनकी पहचान फिर भी गाढ़ी है। अपने मेंटरशिप में अलग-अलग छह सुपर 30 संस्थान चलाने वाले अभयानंद ने कोचिंग जगत के लिए नजीर पेश की है। गरीब किंतु मेधावी छात्रों को आईआईटी की मुफ्त तैयारी कराने वाले इन संस्थानों के 91 वैसे बच्चों की लिस्ट जारी की गई है जो आईआईटी प्रवेश परीक्षा देंगे।
 
इनमें 30 बच्चे कानपुर स्थित गेल उत्कर्ष सुपर 100 के, पंद्रह छात्र दिल्ली स्थित अभयानंद सुपर 30 के, गुवाहाटी स्थित ओआईएल इंडिया सुपर 30 के आठ, जोरहट स्थित ओआईएल इंडिया सुपर 30 के पांच, पटना स्थित रहमानी सुपर 30 के 18 और गया स्थित मगध सुपर 30 के 15 छात्र शामिल हैं। शनिवार को पटना के बीआईए हॉल में इस बावत आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अभयानंद के अलावा संस्थान से जुड़े कृष्णमूर्ति, शब्बीर उल हुदा, पंकज आदि मौजूद थे।
 
ताकि हर कोई क्रॉस चेक कर सके अभयानंद ने बताया कि पिछली बार उन्होंने अपनी देख-रेख में चल रहे सुपर 30 से आईआईटी की तैयारी करनेवाले छात्रों की लिस्ट परीक्षा बाद लेकिन परिणाम से पहले जारी की थी। इस बार परीक्षा से पहले जारी किया गया है। आठ अप्रैल को आईआईटी प्रवेश परीक्षा होनी है। अभयानंद ने बताया कि अब हर कोई यह पता लगा सकेगा कि उनके मार्गदर्शन वाले सुपर 30 से कौन छात्र परीक्षा में बैठनेवाले हैं और फिर परिणाम आने पर मिलान कर सकेंगे।
 
बड़े उपक्रमों की दिलचस्पी बढ़ी
 
अभयानंद ने सुपर 30 की नींव दस साल पहले गणितज्ञ आनंद के साथ डाली थी। कुछ वर्षो बाद दोनों की राह अलग हो गई और चार साल पहले अभयानंद ने मुस्लिम पूंजीपतियों के सहयोग से पटना में रहमानी सुपर 30 शुरू किया। फिर गेल, ऑयल इंडिया, पावर ग्रिड, आईजीएल जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के बड़े उपक्रमों ने सीएसआर यानि कारपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी के तहत देश के कई जगहों पर सुपर 30 संस्थानों के संचालन में आर्थिक मदद दी।
 
दस महीने की मुफ्त काउंसलिंग
 
अभयानंद सुपर 30 संस्थानों में वंचित तबके के मेधावी छात्रों को दस महीने की आवासीय कोचिंग मुफ्त दी जाती है। पिछले चार वर्षो में लगभग सौ छात्र आईआईटी निकाल चुके हैं। 

Abhayanand : Money can’t produce IITians


The Times of India Writes :

PATNA: State DGP Abhayanand on Saturday announced that 91 students from six centres (Kanpur, Delhi, Guwahati, Jorhat, Patna and Gaya) of Abhayanand Super 30 would appear at the IIT-JEE 2012 examinations on April 8. 

Talking about the modus operandi to select candidates for his Super 30, Abhayanand said the Centre for Social Responsibility and Leadership (CSRL) executives visited 91 remote districts in UP, Assam, Maharashtra and Delhi national capital region (NCR), to identify students who had the potential and talent but no money to join the mainstream higher education. "Jawahar Navodaya Vidyalayas are our main hunting grounds. I personally screen candidates before finally giving admission to our centres," said Abhayanand. 

Asked about the fund for his projects, the DGP said public sector undertakings, like Gail, Power Grid Corporation of India, IGL and Oil India have been sponsoring the centres at Kanpur, Delhi, Guwahati and Jorhat, respectively. Some private sector companies are also keen to sponsor projects in their respective economic zones. 

"In Gaya, a dedicated team of professionals are teaching the students without charging any fee. I also interact with students of outside Bihar through videoconferencing," Abhayanand said. 

The DGP has a piece of advice for the parents. "Money cannot produce IITians. Focused guidance and motivation to hone the potential of a student can. Parents should screen their wards first before sending them to a coaching institute for IIT. That would save them from frustration," he said. 

DGP’s institute lists 91 aspirants

The Telegraph Writes :

Patna, March 24: Bihar’s director-general of police Abhayanand’s Super 30 centre today announced a list of 91 students who would appear for IIT-JEE on April 8.
The names of the candidates have been made public to make the functioning of the coaching centres more transparent. “People raise questions on the list of candidates once the result of IIT-JEE is published. Last year, we announced the list pr-ior to the publication of results but this year we decided to announce it even before the examination,” Abhayanand said.
He expressed hope that the results would be better than last year. In 2011, 34 out of 85 candidates made it to the IITs from his coaching centres across the country. “We have provided the list of all the six coaching centres being run across the country with the names of candidates and their addresses where they are given free residential coaching. Anyone can check the veracity of the list,” he added.
These 91 students belonging to six groups being run under the academic guidance of Abhayanand. Under corporate social responsibility programme, companies like GAIL, Oil India Ltd, Power Grid Corporation of India and Indraprastha Gas Ltd have been providing financial support, Abhayanand said.

Monday, March 19, 2012

चम्पारण के अंकुर से काफी उम्मीदें : डीजीपी


-- लेट्स प्रोग्रामिंग की पुस्तक के दूसरे संस्करण का किया लोकापर्ण
मोतिहारी, जागरण प्रतिनिधि : सूबे के पुलिस महानिदेशक व शिक्षाविद् अभयानंद ने कहा कि कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग पर पुस्तक लिखनेवाले दुनिया के पहले अंडर ग्रेज्युएट चम्पारण के लाल अंकुर अरमान से काफी उम्मीदें हैं। अबतक वे हमारी विश्वास पर खरे उतरे हैं और आगे भी इनसे कई उम्मीदें है। वे राजधानी पटना में आयोजित पुस्तक मेला में अंकुर द्वारा लिखित 'लेट्स प्रोग्रामिंग एट द रेट स्पीड ऑफ माइंड' के द्वितीय संस्करण का लोकार्पण करने के बाद समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने अंकुर के अगले प्रोजेक्ट गांव के बच्चों तक कम्प्यूटर शिक्षा पहुंचाने को काफी सकारात्मक कदम बताते हुए अपनी ओर से हरसंभव सहयोग दिलाने का भरोसा दिलाया। इस मौके पर खास तौर पर महिला आईपीएस पटना की सिटी एसपी किम भी मौजूद थीं। पुस्तक मेले में अंकुर की पुस्तकें पाठकों में खासे आकर्षण के केंद्र में रहा। इस मौके पर अंकुर ने बताया कि उनकी पुस्तकों की मांग विदेशों में भी हो रही है। इस मौके पर धर्मेद्र कुमार, निलेश कुमार, अमृत तिवारी व रविरंजन पाठक भी मौजूद थे।
 

'योर स्टूडेंट्स विल परर्फाम'



कई हजार छात्र-छात्राओं को आइआइटी प्रवेश परीक्षा में सफलता प्राप्त करा चुके डा. बीवी राव ने मगध सुपर-30 के मेंटर सह प्रणेता सूबे के पुलिस महानिदेशक अभयानंद से कहा-'योर स्टूडेंट्स विल परर्फाम'। आइआइटी मद्रास एवं दिल्ली से एमटेक डा.राव कोटा के राव एकादमी आइआइटी के निदेशक के साथ-साथ देश के विख्यात रसायन शास्त्र के विद्वान हैं। वे मंगलवार को अचानक नूतन नगर मुहल्ला में स्थित मगध सुपर-30 पहुंचे। उन्होंने करीब ढ़ाई घंटे तक बच्चों को रसायन शास्त्र विषय पर लेक्चर दिया। बच्चों से सवाल-जवाब किया।
डा.राव मंगलवार को दिल्ली से राजगीर जाने के क्रम में गया हवाई अड्डा पर उतरे। डा.राव को यह जानकारी मिली कि गया के छात्र-छात्राओं को एक छत के नीचे रखकर गुरुकुल परंपरा के तहत नि:शुल्क पठन-पाठन की सुविधा गया के नागरिकों द्वारा 'समाज के लिए समाज के द्वारा' की जा रही है। डा.राव स्वयं मगध सुपर-30 पहुंचे। बच्चों से मिले। डा.राव को बच्चों से सवाल-जबाव के बाद श्री अभयानंद से बात करायी गयी। करीब 15 मिनट की बात की। उन्होंने कहा कि गया के नागरिकों की पहल काबिले तारीफ है। श्री अभयानंद ने डा. राव को बच्चों को समय देने के लिए धन्यवाद दिया। डा. राव देर रात राजगीर सैनिक स्कूल के लिए रवाना हो गए। जहां उन्हें विशेष अतिथि के रूप में एक समारोह में शामिल होना है।

Now, criminals to sign bonds for good conduct


PATNA: Bihar Police have adopted a novel method to check crime in the state. Habitual offenders are being made to sign bonds under Section 110(G) of the CrPC and deposit 25% of the bond amount in court, DGP Abhayanand said. Section 110 (G) of the CrPC is an old law. But it has not been seriously implemented in several police stations in the state.
Now the police officials have been given directive to use the section against all the habitual offenders who indulged in unlawful and criminal acts, he told TOI. Patna SSP Alok Kumar said the section was implemented in each police station in the district. About 700 criminals have so far been brought under this section and they have been forced to sign the bonds as well, he said, adding that he was personally monitoring each case under this section. According to Khagaul police station SHO Kamod Prasad, the police have indentified 50 odd hardcore criminals in the area during the drive launched in the past two weeks.
They have to furnish bonds of Rs 1 lakh under this section in the SDM court with two sureties of the same amount. They have also to deposit 25% of the bond amount in the court, he said. Notorious criminals like Benga Gope, Sunil Yadav and Ritlal Yadav have been asked to sign such bonds. Out of the 50 odd criminals identified under this section, 19 of them have already signed the bond and deposited Rs 25,000 each in the SDM court at Danapur as surety to maintain good conduct, the SHO said.
The Khagaul SHO admitted that the area was disturbed in the past due to incidents of murder, snatching, loot, dacoity and theft. Besides, the habitual offenders on bails were giving a tough time to police. Use of this particular section has helped police in checking crime, he said, adding that a proposal has been sent to senior police officials to use this section against land grabbers and economic offenders too.
Citing an example of the effectiveness of using the section, he said the police forced Neeraj Kumar, a habitual criminal of Khagaul area involved in over a dozen criminal cases, to sign the bond and deposit Rs 25,000 in the SDM court at Danapur. He has been maintaining good conduct since signing the bond, the SHO said.


Tuesday, March 6, 2012

बताइए करंट जीरो कैसे होगा?


जागरण डॉट कॉम लिखते हैं : 

पटना, भुवनेश्वर वात्स्यायन
पटना के पटेलनगर स्थित एक बेडरूम से हर सुबह गुवाहाटी, जोरहट व नोयडा के बच्चे आइआइटी में पहुंचने के टिप्स लेते हैं। क्लासरूम भले ही लो प्रोफाइल लगे, इससे जुड़े लोग हाई प्रोफाइल जरूर हैं। बिहार की इस बड़ी ब्रांडिंग को ओएनजीसी व गेल की सब्सिडियरी इंद्रप्रस्थ गैस का ईंधन हासिल है।
एक जमाने में आइआइटी के साथ सुपर थर्टी की चर्चा को अनिवार्य बना चुके बिहार के डीजीपी अभयानंद इन दिनों एक नये अभियान में लगे हैं। अपने बेडरूम से हर सुबह बिहार के बाहर के बच्चों को आइआइटी में प्रवेश के लिए तैयार कर रहे हैं। ऐसे बच्चों की संख्या लगभग डंेंढ़ सौ है।
ओएनजीसी, गेल, आइजीएल तथा पावर ग्रिड ने अभयानंद से यह अनुरोध किया था कि वह कुछ बच्चों का चयन कर उन्हें आइआइटी के लिए तैयार कर दें। अभयानंद ने बताया कि उनके लिए यह संभव नहीं था कि वह देश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर बच्चों को लिए पढ़ाते। दरअसल, पेट्रोलियम कंपनियां अपने कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) कार्यक्रम के तहत अपने कार्यक्षेत्र वाले इलाके के गरीब मेधावी बच्चों का चयन कर उन्हें अच्छी कोचिंग दिलाना चाहती थीं।
अभयानंद ने इतना भर किया कि गुवाहाटी, जोरहट और नोयडा में चलने वाले केंद्रों के लिए बच्चों के चयन में मदद भर कर दी। गुवाहाटी और जोरहट का केंद्र ओएनजीसी द्वारा तथा नोयडा का केंद्र गेल की सब्सिडियरी इंडियन गैस लिमिटेड की देखरेख में चलता है। इन कंपनियों ने मिलकर अभयानंद के बेडरूम में बेहतर बैंडविड्थ के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की व्यवस्था करा दी। जिन शहरों में बच्चों को रखा गया है, वहां के क्लासरूम में भी वीडियो कांफ्रेंसिंग की व्यवस्था हो गयी। अब हर सुबह अभयानंद अखबार पढ़ने के समय उन सेंटरों पर मौजूद बच्चों को फिजिक्स पढ़ाते हैं। इंटरैक्टिव सेशन कुछ इस तरह का है कि एलआर सर्किट पढ़ते समय बच्चों से अभयानंद यह सवाल भी करते हैं - चेक करिए बैट्री का करंट जीरो कैसे होगा? ब्रेक भी ले लेते हैं, यह कहते हुए प्राब्लम साल्व करिए अभी आकर मिलते हैं। प्राब्लम साल्व होता है और फिर बच्चों का हाल-चाल भी लेते हैं।
अभयानंद ने बताया कि इस अंदाज में पढ़ाई का यह उनका पहला अनुभव है। जो बच्चे पढ़ रहे हैं वे काफी मेधावी हैं और उनसे हमें काफी उम्मीद है। अप्रैल में उन्हें इम्तिहान देना है फिर..। कानपुर में पावर ग्रिड ने अपने कर्मियों के बच्चों के लिए इस तरह की व्यवस्था की है। पर वोल्टेज में उतार-चढ़ाव की वजह से वहां इस तरह की कांफ्रेंसिंग नहीं हो पा रही है।

अपराध नियंत्रण को जारी रहेगा प्रयास : डीजीपी


जागरण डॉट कॉम लिखते हैं : 

जमुई, जागरण प्रतिनिधि : पुलिस महानिदेशक अभयानंद ने कहा कि हम अपराध से जूझते हैं। अपराध में अप और डाउन होता रहता है। परंतु अपराध नियंत्रण का प्रयास जारी रहेगा।
अभयानंद सोमवार की संध्या जमुई के परिसदन भवन में प्रेस को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमने एक सिलसिला शुरु किया है। हर जिले में जाकर वहां की जमीनी समस्याओं को देखना और उसके समाधान की दिशा में प्रयास करना। उन्होंने कहा कि हमेशा हम अपनी कमियों को पहचानने की कोशिश करते हैं। अपराध कभी भी खत्म नहीं हो सकता। हमारे पास जो साधन हैं उससे कानूनी तरीके से हम नियंत्रण का प्रयास करते हैं। अपराध नियंत्रण के लिए कई एजेंसी लगी है। सब पर हमारा नियंत्रण नहीं होता। उन्होंने कहा कि कोई भी ऐसी समस्या नहीं है जिस पर काबू नहीं पाया जा सकता। किसी पर कार्रवाई करने के लिए साक्ष्य की जरुरत होती है।
डीजीपी अभ्यानंद ने कहा कि सरकार ने आर्थिक अपराध पर काबू पाने के लिए अलग सेल बनाया है। नक्सल और अपराध के नाम पर आर्थिक अपराध करने वालों पर हमारी नजर है। उन्होंने पुलिस अधीक्षक के कार्यो की सराहना करते हुए कहा कि उपेन्द्र शर्मा एक युवा संवेदनशील अधिकारी हैं। इनके नेतृत्व में जिला पुलिस अच्छा काम कर रही है।

अभिभावक की भूमिका में दिखे डीजीपी
जमुई, जागरण प्रतिनिधि : सोमवार को पुलिस लाइन के निरीक्षण के दौरान डीजीपी अभयानंद अभिभावक की भूमिका में दिखे। उन्होंने पहले मुंगेर डीआइजी अनिल किशोर यादव, एसपी उपेन्द्र कुमार शर्मा, एएसपी पुष्कर आनंद के साथ लेखा-जोखा की जानकारी ली। तदुपरांत पुलिस सभा में शिरकत किया, जिसमें डीजीपी ने बारी-बारी से पुलिस लाइन की समस्याओं को सुना। इस दौरान पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण कुमार ने सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस लाइन की घेराबंदी तथा एटीएम खुलवाने की मांग की। वहीं सैप जवानों ने बकाए टीए की भुगतान की मांग डीजीपी से की, जिस पर अभयानंद द्वारा समुचित कार्रवाई का भरोसा दिया गया। इस दौरान पुलिस जवानों ने लाइन में बुनियादी सुविधाओं की कमी की ओर भी उनका ध्यान आकृष्ट कराया। इसके पूर्व डीजीपी ने पैरेड की सलामी ली।