Sunday, October 3, 2010

Abhayanand invited to set Model Papers

Online common entrance to check aptitude, general awareness and comprehensive written skills

The Bihar School Examination Board on Monday started its two-day workshop for preparing model papers for classes XI and XII.



More than 40 teachers from across the state, including three officials from the Central Board of Secondary Education (CBSE) were present at the workshop.



The workshop has been designed for making students acquainted with the examination pattern of next year’s Class XII board examination.



Bihar School Examination Board Chairman A.K.P. Yadav said: “The workshop has been organised for preparing model papers for the Class XII examination.” The participants at the workshop, mostly experts in mathematics, physics and chemistry, have been asked to frame questions while taking into consideration IIT and other engineering examinations.



The Bihar School Examination Board decision to this effect has been taken after the Union ministry of human resources development recently prepared a draft recommendation suggesting a common entrance examination for Indian Institute of Technology (IIT) and other engineering colleges.



Based on common entrance examination which will consist of a National Aptitude Test and marks scored in the Class XII examination, students would be given admission at IIT and other engineering colleges.



The workshop would continue on Tuesday too after which the model papers would be made available to students by the end of September.



The model paper would cover all aspects of IIT and other engineering colleges entrance examinations.



The board had invited Abhayanand of Super 30 coaching institutes which had created a niche in IIT entrance examination and CBSE professors and teachers from New Delhi for setting the model papers.



The Union HRD draft recommendations has suggested a single National Aptitude Test.



The test, which would be conducted online, would comprise questions on aptitude, raw intelligence, common awareness and comprehensive written skills.



In the entrance process to IIT and engineering colleges, one-third (33 per cent) of marks would be taken from National Aptitude Test, while two-thirds (66 per cent) marks scored in Class XII would be given weightage.

Monday, August 16, 2010

GAIL supports low-income family students to enter IITs

http://www.fibre2fashion.com/news/daily-textile-industries-news/newsdetails.aspx?news_id=88860


Shri B C Tripathi, Chairman and Managing Director, GAIL (India) Limited felicitated 14 students belonging to the lower income strata on their selection for B Tech programme in IIT- JEE, NIT and UPTU under a pilot CSR programme taken up by GAIL.



Under the programme titled ‘Utkarsh Superb 30’, GAIL provided free residential coaching to the students by Shri Abhay Anand, ADG of Bihar Police and the founder of Super 30. Present on the occasion at this ceremony yesterday in GAIL Corporate Office, were Shri R K Goel, Director (Finance), Shri R D Goyal, Director (Projects), Shri S L Raina, Director (HR) and Shri Prabhat Singh, Director (Marketing ) along with other senior Officials of GAIL and CSRL.



The first batch of 23 students from Uttar Pradesh were selected through a written test held at Kanpur, Etawah and Pata in and around GAIL major work centres, in collaboration with the Centre for Social Responsibility and Leadership (CSRL), a non Government Organization in the supervision of a panel of experts headed by Shri Abhyanand, the founder of Utkarsh Superb 30.



The economic criteria of poverty has been taken for children whose family income is not more than Rs.75,000/- per annum. The coaching programme for IIT/NIT exams was started by GAIL with Centre for Social Responsibility and Leadership (CSRL), as a pilot programme at a total cost of Rs. 32 lacs in the year 2009-10. This year the intake for this programme has increased to 60 students.



Speaking on the occasion Shri B C Tripathi, Chairman and Managing Director, GAIL said “I am quite elated with a great sense of satisfaction for these boys and girls who have made it possible to qualify to such prestigious institutions of the country with their diligent and hard work, under the superb guidance and mentoring of Shri Abhay Anandji”. He further said that “GAIL will also extend support to these students during their engineering course, by grant of a monthly scholarship.”



Shri S L Raina, Director (HR) said that “such endeavour of the company may not accrue much in the Company’s balance sheet but the achievements of these children will certainly add up in the company’s social balance sheet.” Congratulating the selected students Shri Raina mentioned that these students will always have a special place in GAIL’s context.



Certificate of merit and symbolic token of appreciation was given to all the successful students during the occasion.



GAIL (India) Limited

Thursday, May 27, 2010

The success saga of Rahmani-30: Insights from an insider

The success saga of Rahmani-30: Insights from an insider

The Economics Times

Mr Abhayanand — the IPS officer who helped Mr Kumar set up the institute and who parted ways with him recently — declared the list of students of coaching institutes with which he is now associated prior to the announcement of results. “It would not be fair for me to comment on others who declare the list of successful candidates only after results. I made available the entire list of students before the results. I am associated with five institutes in the state capital and in some other districts. Out of the 89 students I coached and whose lists I had furnished prior the announcement of the results, 20 students had made it to IIT-JEE.”

सुपर-30 रहमानी व त्रिवेणी के छात्रों ने लहराया परचम

साभार : दैनिक जागरण , पटना संस्करण


सुपर 30 (अभयानंद) की सभी शाखाओं ने आईआईटी प्रवेश परीक्षा 2010 में काफी बेहतर प्रदर्शन किया है। इस वर्ष सुपर थर्टी से देशभर से कुल 21 छात्रों ने सफलता हासिल की है। राजधानी के सुपर-30 त्रिवेणी से 14 में से 7 छात्रों ने सफलता हासिल की ही। वहीं सुपर-30 रहमानी सुपर से12 में से चार छात्रों ने सफलता का परचम लहराया। इस मौके पर एडीजीपी अभयानंद ने कहा कि सुपर-30 का प्रसार काफी तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन उसकी गुणवता बनाये रखना हमारे लिए चुनौती है। पिछले वर्ष रहमानी सुपर 30 के शत प्रतिशत छात्रों ने सफलता प्राप्त की थी। मौलाना वली रहमान का दावा है कि भले ही हमारे एक तिहाई छात्रों ने ही सफलता प्राप्त की हो लेकिन रैंक गत वर्ष की तुलना में बेहतर है। इस वर्ष रहमानी सुपर-30 से मो.नियाज अहमद, शाहबाज हैदर, इंबेसत अहमद, मोबस्सीर हमीद नाजरी ने रैंक प्राप्त की है। रहमानी सुपर-30 के प्रबंधक सबीर उल होदा ने कहा कि सुपर-30 में कई तरह के सुधार किये जा रहे हैं। अब छात्रों को दो वर्षो तक पढ़ाया जायेगा। इस वर्ष सुपर-30 कानपुर, अंग, मगध का प्रदर्शन भी काफी बेहतर रहा है।

Saturday, April 17, 2010

मदरसा में आईआईटी की तैयारी



भारत में मुसलमानों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति बहुत खराब है. ऐसे में किसी मदरसा में मिल रही तालीम से क्या मुसलमान छात्रों का भला हो सकता है?



इस सवाल का जवाब हमें बिहार की राजधानी पटना में मिलता दिखाई दे रहा है.



बिहार में आईआईटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी को लेकर सबसे पहले अभ्यानंद ने सुपर-30 के नाम से एक अनोखा प्रयोग किया था जो काफ़ी सफल रहा.



इसी सुपर-30 की कामयाबी से प्रेरित होकर पटना के एक मदरसे में रहमानी-30 की शुरुआत की गई. ये मदरसा क़रीब 100 वर्ष पुराने मकान में चलता है.



इस मदरसा में देश के उच्च तकनीकी संस्थान यानि आईआईटी में दाख़िले की तैयारी हो रही है.



विद्यार्थियों का एक साथ रहना, खाना और पढ़ाई करना मदरसा का मूलमत्र है. यहां कोई भेदभाव नहीं है, सब बराबर है.



मौलाना वली रहमानी

यहां विद्यार्थियों को न तो बैठने के लिए बेंचे हैं और न ही पढ़ाई करने के लिए पर्याप्त रोशनी.



इतनी विषम परिस्थितियों के बावजूद मौलाना वली रहमानी अत्यंत ग़रीब मुसलमानों के प्रतिभावान बच्चों को मुफ़्त में प्रवेश परीक्षा की तैयारी करवा रहे हैं.



दोनों केंद्रों का मकसद एक ही है ग़रीब विद्यार्थियों को मुफ़्त में आईआईटी की प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराना.



सरकारी संस्था या निज़ी संस्था में नौकरी के कम अवसर के डर से बच्चे मदरसे छोड़ रहे थे, लेकिन मौलाना वली रहमानी की इस कोशिश से यहां एक बार फिर से बच्चे पढ़ने आ रहे हैं.



कामयाब छात्र





ग़रीब मुस्लिम के बच्चों के लिए यह एक वरदान साबित हो रहा है.

अभ्यानंद कहते हैं, “हमारे देश में कोई भी प्रतियोगिता परीक्षा हो बहुत ज़्यादा परीक्षार्थी होने के कारण इसमें कुछ ही सफल होते हैं जिससे परीक्षार्थी काफ़ी भयभीत रहते हैं.”



रहमानी-30 में पढ़ रहे विद्यार्थियों के बारे वे कहते हैं कि वहां पढ़ रहे बच्चे काफ़ी ग़रीब हैं, लेकिन जीवन में आगे बढ़ने के लिए दृढ़संकल्प हैं. अगर वे लोग ऐसा नहीं करते हैं तो समाजिक और आर्थिक रुप से पिछड़े ही रह जाएंगे.



रहमानी-30 के एक छात्र इरफ़ान आलम जिसकी उम्र मात्र 15 वर्ष है, 2011 की प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. उनके पिताजी गांव में नाई हैं.



इरफ़ान आलम कहते हैं, “मैं अपनी ज़िंदगी में कुछ करना चहता हूं, कुछ बनकर दिखाना चाहता हूं.”



मौलाना वली रहमानी कहते हैं, “विद्यार्थियों का एक साथ रहना, खाना और पढ़ाई करना मदरसा का मूलमत्र है. यहां कोई भेदभाव नहीं है, सब बराबर है.”



मैं अपने ज़िंदगी में कुछ करना चहता हूं, कुछ बनकर दिखाना चाहता हूं.



इरफ़ान आलम, छात्र

रहमानी-30 के पहले बैच से सफल हुए सद्दाम अनवर अब आईआईटी दिल्ली में पढ़ाई कर रहे हैं.



सद्दाम अनवर कहते हैं, “यहां आकर मेरा सपना सच हो गया है. मैं नहीं समझता हूं कि मैं दूसरे छात्रों से अलग हूं.”



भारत में मुस्लिम समुदाय को समान्य रुप से रूढ़िवादी, ग़रीब और कम शिक्षित कहा जाता है.



लेकिन बिहार की राजधानी में एक छोटी सी पहल से ऐसी धारणाओं को तोड़नें की कोशिश की जा रही है.

मैं एडीजीपी अभ्यानंद, आप कौन ?

द्वारा : श्री सर्वेश उपाध्याय , बंगलुरु

डालमियानगर (रोहतास) मैं एडीजीपी अभ्यानंद बोल रहा हूं। वीडियो आनलाइन कांफ्रेंसिंग से आप सब पुलिस अधिकारियों को कुछ विधि सम्मत जानकारियों देने जा रहा हूं। आपके द्वारा किए जा रहे कार्यो के बारे में आपसे जानकारी लूंगा। शुक्रवार को एसपी के आवास पर उनकी मौजूदगी में वीडियो कांफ्रेंसिंग प्रशिक्षण के जरिये इंस्पेक्टर, थानाध्यक्ष समेत अन्य अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा था।



अभ्यानंद ने पूछा,आप कौन? अटेंशन की मुद्रा में खड़े होकर इधर से जवाब, सर ! मैं डेहरी थाने का सब इंसपेक्टर शेषनाथ राय। अभ्यानंद- हां तो सीडी (केस डायरी) में पहले क्या लिखते हैं? दूसरा सवाल सनहा दर्ज करते समय तथ्यों को दैनिकी में कुछ लिखते हैं या नहीं। इधर से इसका जवाब नहीं मिला। इंस्पेक्टर एनके मिश्रा से पूछा तो वे भी बगले झांकने लगे। फर्द बयान संज्ञेय अपराध है या नहीं? संज्ञेय अपराध के अनुसंधान के रूप में आपको कब जानकारी हुई? आप अगर ओडी में हैं तो ओडी छोड़कर घटनास्थल पर जाएंगे या नहीं? थाने पर मिली सूचना को एफआईआर मानेंगे या फर्द बयान को? सनहा इंट्री करते हैं.., और भी कई ऐसे सवाल जिसका इधर से कोई जवाब नहीं मिल सका।



स्क्रीन पर सामने दिखे उपेन्द्र (प्रशिक्षु आईपीएस) से- आप भी कुछ बताईए। उनका जवाब-नहीं जानते सर। सनहा या अज्ञात द्वारा दी गई सूचना को आप लिखेंगे या नहीं। कुछ ने हां तो कुछ ने नहीं में जवाब दिया। केसों में पीओ पर कितने लोगों ने गवाही दी है। कुछ अधिकारी ने कहा 90 प्रतिशत क्रास कोर्ट में होता है। जहां सामान बरामद करते हैं तो उसे पीओ में लिखते है? प्रशिक्षु आईपीएस ने कहा अधिकारी 40 प्रतिशत ही लिखते हैं। सीडी में नक्शा भी बनाएं। जब्ती सूची और सामान को थाना के मालखाना में रखना उचित है या अनुचित? इंस्पेक्टर मिश्रा ने कहा अनुचित। तब एडीजीपी ने बताया कि जब्त सामान (प्रोपर्टी) कोर्ट का हो जाता है। अत: उसे आप कोर्ट में जरूर प्रस्तुत करें तथा कोर्ट के आदेश से ही जब्त सामान को थाना के मालखाना में रखें। प्रशिक्षण पूरे दिन चला जिसमें डेहरी, डालमियानगर, दरिहट, अकोढ़ीगोला, राजपुर, तिलौथू समेत अन्य थानों के करीब दो दर्जन अधिकारी शामिल हुए।