Wednesday, May 27, 2009

भांजे ने मामा को भी दिलायी सफलता

पटना : भागलपुर के रहने वाले अनुनय अनुरव पांडेय स्वयं तो आईआईटी में 633 वां स्थान लाया ही अपने मामा को साथ-साथ आईआईटी प्रवेश परीक्षा में सफलता दिलाने में सफल रहा। अनुनय के नाना-नानी काफी पहले ही गुजर गये थे। उसके मामा सरदेंदू की परवरिश बहन-बहनोई ही कर रहे थे। दोनों में रिश्ता मामा-भांजे का है परंतु उम्र में कोई विशेष अंतर नहीं है। अनुनय ने पढ़ाई में थोड़ा पीछे चल रहे मामा को भी रात-दिन भौतिकी, गणित व रसायन का पाठ पढ़ाकर इस काबिल बना दिया। इस बाबत अनुनय पांडेय ने बताया कि उसके पिता लुधियाना के एक गारमेंट फैक्ट्री में काम करते हैं। मां हाउस वाइफ हैं। किसी तरह उसके पिता उसे व मामा को पढ़ाने का खर्च वहन कर रहे थे। भागलपुर में सुपर थर्टी की शाखा खुलने के बाद वे दोनों प्रवेश परीक्षा में सफल हो गये। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अभयानंद के मार्गदर्शन में उनलोगों की पढ़ाई शुरू हो गई। परंतु बीच में ही शिक्षकों की कमी के कारण उनलोगों राजधानी के यूरेका इंस्टीट्यूट आफ साइंस में लाया गया। इस संस्थान के निदेशक डा.अजय कुमार ने उसके बाकि की पढ़ाई को पूरा किया। स्वयं अभयानंद प्रतिदिन आकर पांचों को पढ़ाते थे। अनुनय ने बताया कि भागलपुर के जिस मोहल्ले में वह रहता है वहां आईआईटी के नाम से भी अधिकांश लोग अपरिचित हैं। दोनों मामा-भांजा मोहल्ले का पहला छात्र है जिसने इस प्रवेश परीक्षा में सफलता पायी है। वहीं सरदेंदू ने बताया कि बचपन में ही उसके माता-पिता का साया सिर से उठ गया था। बहन-बहनोई ने पाल-पोस कर बड़ा किया और इस लायक बना दिया। मुंगेर के ही एक प्राध्यापक के बेटे विशाल भी अपने रिजल्ट से काफी खुश है। वह एक साधारण छात्र था परंतु मेहनत के बूते इस मुकाम तक पहुंचने में सफल रहा। मुंगेर में ही छोटे से हार्डवेयर दुकान चलाने वाले कपिलदेव प्रसाद की उतनी हैसियत नहीं थी कि वह अपने बेटे विवेक को महंगे कोचिंग संस्थान में दाखिला दिला सके। संयोगवश उसका बेटा सुपर थर्टी में चयनित हो गया और आईआईटी जेईई में सफल रहा। उसे आल इंडिया में 3724 रैंक आया है। बांका के ही ज्ञानेश शरण ने इस परीक्षा में सफलता के पीछे कठिन परिश्रम एवं उचित मार्गदर्शन को माना है।

1 comment:

amit said...

sir may i take admission in trivene super 30 or patliputra super 30 because they are saying that it is your institute and you arethe owner of this institute and one more thing sir recently i visited eureka super 30 they said that you were with them but now there is no association with them is it right sir?when i ask to comment on abhyanand super 30 then they said that you must had an misssunderstanding and you left them and thier students in the mid of september 2009 but with your blessings they trird it and their six students managed ii is it true sir and one more thing that is dr.ajoy sir an excellent teacher in physics . He went ahead with emotions and said that you once said that "ajay ji aapke bete ko to top 100 iitian banana hai yehi mera aur aap sab ka aim hona chahiye and he started crying and said that he doesnt know what made him aND HIS ELDER BROTHER APART"HOPING YOU WILL REPLY