Wednesday, May 27, 2009

समाज के सहयोग से पूरा हो सकता है हर सपना : Abhayanand


पटना, हमारे प्रतिनिधि : हमारे समाज की सबसे बड़ी समस्या अशिक्षा और बेरोजगारी है। दोनों समस्याओं पर समाज संगठित रूप से काबू पा सकता है। जरूरत है लोगों को सामूहिक प्रयास करने की। समाज के संगठित प्रयास से ही हर सपना को संभव किया जा सकता है। ये बातें मंगलवार को राजधानी के श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में आईआईटी परीक्षा में सफल छात्रों के सम्मान में आयोजित समारोह में सुपर 30 के संस्थापक अभयानंद ने कही। श्री अभयानंद ने कहा कि वर्ष 2002 में गरीब बच्चों को आईआईटी की तैयारी के लिए एक कदम बढ़ाया गया था। प्रथम वर्ष में सुपर थर्टी के बच्चों ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया। इससे सुपर थर्टी के प्रयास को काफी प्रोत्साहन मिला। सुपर थर्टी ने वर्ष 2009 में मंजिल प्राप्त कर लिया और इसके बच्चे शत प्रतिशत सफल रहे। उन्होंने कहा कि सुपर थर्टी से प्रत्येक वर्ष मैने कुछ न कुछ सीखा। अनुभव के आधार पर ही इसका रिजल्ट प्रति वर्ष बेहतर होता गया। उन्होंने जोर दिया कि सुपर थर्टी को कोई कोचिंग न समझा जाये। इसका आधार गुरुकुल है, जहां बच्चे रहकर शिक्षा ग्रहण करते हैं। यहां पढ़ाने वाले शिक्षकों को पैसा नहीं दिया जाता। शिक्षक अपना समय निकालकर सुपर थर्टी के छात्रों को पढ़ाते हैं। यहां के बच्चे सुबह पांच बजे जग जाते हैं, वहीं रात में बारह बजे सोते हैं। सुपर थर्टी बच्चों को कनसेप्ट बताया जाता है। सुपर थर्टी एक ब्राण्ड है, जिसका पिछले वर्ष भौगोलिक रूप से विस्तार किया गया था। वर्तमान में सुपर 30 मगध, सुपर 30 नालंदा, सुपर 30 त्रिवेणी, सुपर 30 रहमानी, सुपर 30 अंग के नाम से चलाया जा रहा है। इन संस्थानों से इस वर्ष राज्य के 54 छात्र लाभान्वित हुए हैं। श्री अभयानंद ने अवकाश प्राप्त शिक्षकों से आह्वान किया कि वे अपना थोड़ा समय नयी पीढ़ी के छात्रों को दें। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही सुपर 30 के संचालन में हुए खर्च घोषित कर दिये जायेंगे। इस अवसर पर आईआईटी परीक्षा में सफलता प्राप्त करने वाले छात्रों को सम्मानित किया गया। वहीं शिक्षकों को भी शाल भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर नवल कनोडिया, हजरत मौलाना वली रहमान, गीता, शोभा, नूतन आनंद, किशुन पासवान एवं योगेन्द्र राउत सहित कई लोगों ने अपना विचार व्यक्त किया।

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