Wednesday, May 27, 2009

हर बच्चा सक्षम तराशने की जरूरत : Abhayanand



पटना,

सूबे का हर छात्र आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में सफल हो सकता है। सिर्फ उन्हें थोड़ा तराशने की जरूरत है। बेहतर तकनीक, मजबूत इरादे व कड़ी मेहनत से सफलता कदम चूमती है। ऐसा मानना है सूबे के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अभयानंद का। उन्होंने बताया कि सुपर-30 में गरीब तबके के अधिकांश छात्रों का चयन किया जाता है। सारे सामान्य छात्र होते हैं जिन्हें आठ माह के कड़े प्रशिक्षण में तराशने का काम किया जाता है। बच्चों को कुछ ऐसी तकनीक बतायी जाती है जिससे वे कठिन से कठिन से सवालों का हल सफलतापूर्वक कर लेते हैं। श्री अभयानंद ने कहा कि गरीब परिवार के मेधावी बच्चों के लिये आईआईटी तो दूर सामान्य इंजीनियरिंग कालेजों में दाखिला लेने की बात सपने से कम नहीं होता। सुपर-30 के माध्यम से उनके सपनों को छेड़ने की कोशिश की जाती है। उन्हें आईआईटी की तैयारी के गुर सिखाये जाते हैं और अंत में वे सफल भी होते हैं। अपने घर पर सफल छात्रों को दिये गये भोज के दौरान उन्होंने कहा कि उनकी यह संस्था पूरी तौर पर समाज से जुड़ी हुई है। वे बच्चों का चयन करते हैं। समाज के चिकित्सक, इंजीनियर, व्यापारी उनके रहने-भोजन की व्यवस्था करते हैं और कालेजों के वरिष्ठ शिक्षक उन्हें मुफ्त में पढ़ाते हैं। इस तरह समाज के गरीब बच्चे समाज के ही द्वारा आईआईटी के लिये तैयार किये जाते हैं। उनकी कोशिश है कि सूबे के हर क्षेत्रों से प्रत्येक वर्ष पांच सौ से अधिक बच्चों का चयन आईआईटी में करायें। इसके लिये भागलपुर, नालंदा, गया, पटना में केन्द्र बनाये गये हैं जबकि मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सीतामढ़ी, बेगूसराय आदि शहरों में भी सुपर-30 के केन्द्र बनाने की योजना है। उनका मकसद ऐसे गरीब छात्रों को आईआईटी के लिये तैयार करना है जिन्हें दो जून की रोटी के लिये भी काफी मशक्कत करनी पड़ती है। ऐसे परिवार के बच्चे जब इंजीनियर बनेंगे तो समाज का कल्याण हो सकेगा।


साभार : दैनिक जागरण , पटना

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