जागरण डॉट कॉम लिखते हैं :
पटना, भुवनेश्वर वात्स्यायन
पटना के पटेलनगर स्थित एक बेडरूम से हर सुबह गुवाहाटी, जोरहट व नोयडा के बच्चे आइआइटी में पहुंचने के टिप्स लेते हैं। क्लासरूम भले ही लो प्रोफाइल लगे, इससे जुड़े लोग हाई प्रोफाइल जरूर हैं। बिहार की इस बड़ी ब्रांडिंग को ओएनजीसी व गेल की सब्सिडियरी इंद्रप्रस्थ गैस का ईंधन हासिल है।
एक जमाने में आइआइटी के साथ सुपर थर्टी की चर्चा को अनिवार्य बना चुके बिहार के डीजीपी अभयानंद इन दिनों एक नये अभियान में लगे हैं। अपने बेडरूम से हर सुबह बिहार के बाहर के बच्चों को आइआइटी में प्रवेश के लिए तैयार कर रहे हैं। ऐसे बच्चों की संख्या लगभग डंेंढ़ सौ है।
ओएनजीसी, गेल, आइजीएल तथा पावर ग्रिड ने अभयानंद से यह अनुरोध किया था कि वह कुछ बच्चों का चयन कर उन्हें आइआइटी के लिए तैयार कर दें। अभयानंद ने बताया कि उनके लिए यह संभव नहीं था कि वह देश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर बच्चों को लिए पढ़ाते। दरअसल, पेट्रोलियम कंपनियां अपने कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) कार्यक्रम के तहत अपने कार्यक्षेत्र वाले इलाके के गरीब मेधावी बच्चों का चयन कर उन्हें अच्छी कोचिंग दिलाना चाहती थीं।
अभयानंद ने इतना भर किया कि गुवाहाटी, जोरहट और नोयडा में चलने वाले केंद्रों के लिए बच्चों के चयन में मदद भर कर दी। गुवाहाटी और जोरहट का केंद्र ओएनजीसी द्वारा तथा नोयडा का केंद्र गेल की सब्सिडियरी इंडियन गैस लिमिटेड की देखरेख में चलता है। इन कंपनियों ने मिलकर अभयानंद के बेडरूम में बेहतर बैंडविड्थ के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की व्यवस्था करा दी। जिन शहरों में बच्चों को रखा गया है, वहां के क्लासरूम में भी वीडियो कांफ्रेंसिंग की व्यवस्था हो गयी। अब हर सुबह अभयानंद अखबार पढ़ने के समय उन सेंटरों पर मौजूद बच्चों को फिजिक्स पढ़ाते हैं। इंटरैक्टिव सेशन कुछ इस तरह का है कि एलआर सर्किट पढ़ते समय बच्चों से अभयानंद यह सवाल भी करते हैं - चेक करिए बैट्री का करंट जीरो कैसे होगा? ब्रेक भी ले लेते हैं, यह कहते हुए प्राब्लम साल्व करिए अभी आकर मिलते हैं। प्राब्लम साल्व होता है और फिर बच्चों का हाल-चाल भी लेते हैं।
अभयानंद ने बताया कि इस अंदाज में पढ़ाई का यह उनका पहला अनुभव है। जो बच्चे पढ़ रहे हैं वे काफी मेधावी हैं और उनसे हमें काफी उम्मीद है। अप्रैल में उन्हें इम्तिहान देना है फिर..। कानपुर में पावर ग्रिड ने अपने कर्मियों के बच्चों के लिए इस तरह की व्यवस्था की है। पर वोल्टेज में उतार-चढ़ाव की वजह से वहां इस तरह की कांफ्रेंसिंग नहीं हो पा रही है।
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