Friday, January 6, 2012

सरपंच की पिटाई पर सजा मिलेगी

ग्राम कचहरी भादवि की धारा 107 के तहत एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगा सकेगा 1 डीजीपी ने सभी आइजी, डीआइजी व पुलिस अधीक्षकों को भेजी अधिसूचना 1 कारावास की सजा देने का कोई अधिकार नहीं ग्राम कचहरी की न्यायपीठ के निर्णय के खिलाफ तीस दिनों के भीतर ग्राम कचहरी की पूर्ण पीठ के समक्ष अपील दायर किए जाने का प्रावधान धारा 112 के तहत है। पूर्ण पीठ की सुनवाई सात पंचों के द्वारा की जायेगी। जिन सिविल मामलों में ग्राम कचहरी को है सुनवाई का अधिकार- सिविल अधिकारिता के तहत धारा-110 के अनुसार दस हजार रुपये से कम संपत्ति, लगान की वसूली, चल संपत्ति को क्षति पहुंचाने, पशु अत्याचार व बंटवारा से संबंधित मामलों को ग्राम कचहरी में सुना जा सकेगा। भारतीय दंड संहिता के तहत इन धाराओं के तहत ग्राम कचहरी को है सुनवाई का अधिकार- 140, 142, 143, 145, 147, 151, 153,160, 172, 174,178, 179, 269, 277, 283, 285, 286, 289, 290, 294, 294 (ए), 332, 334, 336, 341, 352, 356, 357, 374, 403, 426, 428, 430, 447, 448, 502, 504, 506 व 510. फैसले से क्षुब्ध हो सरपंच को पीटा तो दर्ज होगा विशेष कांड पटना, जागरण ब्यूरो : पुलिस मुख्यालय ने ग्राम कचहरी के क्षेत्राधिकार में पड़ने वाले आपराधिक व सिविल वाद से संबंधित मामलों को सीधे थाने से सरपंच तक भेजे जाने की राह आसन बना दी है। इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी गयी है। डीजीपी अभयानंद ने बताया कि इस बारे में सभी प्रक्षेत्रीय आइजी, डीआइजी व पुलिस अधीक्षकों को आदेश भी जारी कर दिया गया है। पुलिस मुख्यालय ने फैसला सुनाने वाले सरपंचों की सुरक्षा व्यवस्था का भी पूरा ख्याल रखा है। डीजीपी अभयानंद ने कहा कि ऐसे दृष्टांत सामने आते रहे हैं कि ग्राम कचहरी व सरपंच द्वारा जब अपने विधिक अधिकारों का प्रयोग किया जाता है तो फैसले की परिधि में आने वाला क्षुब्ध व्यक्ति सरपंच के विरुद्ध ही आपराधिक मामला दर्ज करा देते हैं। कई बार सरपंच पर हमला भी हो जाता है। पुलिस मुख्यालय द्वारा इस बाबत जारी अधिसूचना में इस बात का प्रावधान किया गया है कि ऐसे मामले में हमला करने वाले व्यक्ति पर जो कांड दर्ज हो उन्हें विशेष प्रतिवेदित कांड में शामिल कर लिया जाये। प्राथमिकता के आधार पर पुलिस अधीक्षक के स्तर पर उसका पर्यवेक्षण होगा। थानेदारों के लिए यह प्रावधान है कि धारा 113 के तहत वह ग्राम कचहरी से संबंधित मामलों को वहां भेजेंगे। न्यायालय के स्तर से भी ग्राम कचहरी को मामले भेजे जा सकेंगे। अगर किसी न्यायालय को ऐसा प्रतीत होता है कि मामला ग्राम कचहरी के स्तर पर विचारणीय है तो उक्त मामले को स्थानांतरित कर दिया जायेगा। धारा-115 के तहत न्यायालय स्वत: या सूचना प्राप्त होने पर ग्राम कचहरी द्वारा विचाराधीन मामले को वापस कर देगा।

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