Tuesday, January 31, 2012

'इसी तरह बढ़ता रहे मेरा गौरव, यही है कामना'


मैं चिताप खुर्द गांव हूं। प्रखंड मुख्यालय आमस से 15 किलोमीटर एवं अनुमंडल मुख्यालय शरेघाटी से 5 किलोमीटर दूर मोरहर नदी के तट पर बसा हूं। करीब 300 वर्ष पहले मेरी बंजर भूमि पर लोगों का निवास शुरू हुआ था। मेरा नाम बहुत कम लोग जानते थे, जिससे मेरे दिल में एक टीस उठती रहती थी। सोचता था इस भूमि पर कोई ऐसा व्यक्ति पैदा हो, जो मेरे नाम को रोशन कर सके। जब सन 1985 में जगतानंद सिंह को बिहार का डीजीपी बनाया गया, तो मैं उस दिन कितना खुश था, बयां नहीं कर सकता। जगतानंद मेरे ही यहां जन्मे और यहीं से शिक्षा प्राप्त किये। वर्ष 2011 में सरकार ने इसी चिताप खुर्द में जन्मे श्री अभयानंद को बिहार का नया डीजीपी बनाया। दोनों पिता-पुत्र की इस उपलब्धि पर मुझे खुशी होती है। आज मैं बहुत खुश हूं कि मेरे गांव में जन्मे दो व्यक्ति डीजीपी जैसे शीर्ष पद को पाने में सफल हुए। मुझे अपने सभी कामयाब बेटों पर बेहद गर्व है।
मेरा नाम चिताप खुर्द क्यों रखा गया? इसकी जानकारी आज ढेर सारे लोगों को नहीं है। पर, मुझे लगता है कि मेरा नाम चिताप खुर्द इसलिए रखा गया, क्योंकि मेरे सामने नदी के पार वाले गांव का नाम चिताप कला है, जो शेरघाटी प्रखंड में है। मेरी बंजर भूमि पर सबसे पहले, जो अब महादलित के नाम से जाने जाते हैं, उन्हीं लोगों ने निवास शुरू किया था। फिर, कुछ मुस्लिम लोगों ने भी अपना बसेरा मेरे यहां बनाया। लेकिन, आज से करीब 40 वर्ष पहले यहां रह रहे मुस्लिम समुदाय के लोग स्वेच्छा से शेरघाटी प्रखंड में बारहुसैनगंज में जाकर बस गए। फिलवक्त मेरे यहां एक भी मुस्लिम नहीं रहते हैं। वर्तमान में यहां 60 घर भूमिहार, 225 घर महादलित, 50 घर मल्लाह, 4 घर कहार, 7 घर ठाकुर एवं 2 घर यादव जाति के लोग जीवन गुजार रहे हैं। मेरे यहां की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस गांव के 30 लोग इंजीनियर, 5 डाक्टर, 8 प्रोफेसर, 20 अधिवक्ता हैं। आमस के प्रखंड प्रमुख अजय सिंह इसी चिताप खुर्द के निवासी हैं। बुजुर्ग सूर्यनारायण सिंह, अरविंद कुमार सिंह, वार्ड सदस्य चुन्नु सिंह इठलाते हैं कि उनका गांव अभयानंद की ईमानदारी को लेकर चर्चित हुआ है। अभयानंद के भाई अजयानंद, दिल्ली में रेलवे विभाग में डीजीएम के पद पर कार्यरत हैं, वहीं इस गांव के प्रशांत भूषण, भागलपुर में इन्कम टैक्स कमिश्नर के पद पर कार्यरत हैं। इंदूभूषण प्रसाद सिंह भागलपुर से एडीएम पद एवं कामेश्वर सिंह एडीएम पटना से रिटायर्ड हुए। मैं बिहार के वर्तमान डीजीपी अभयानंद के पिता जगतानंद से इतना खुश हूं कि गांव में बने उनके स्मृति चिह्न पर रोज शत्-शत् नमन करता हूं। साथ ही यह कामना करता हूं कि उनकी तरह और भी लोग विभिन्न शीर्ष पदों पर आसीन होकर मेरे गौरव को बढ़ाते रहें।
अपने पिता को श्रधांजली देते हुए - श्री अभयानंद , पुलिस प्रमुख , बिहार 
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आंकड़ों की नजर में चिताप खुर्द
गांव की आबादी 53 हजार
विद्यालय -1
स्वास्थ्य उप केन्द्र 1
आंगनबाड़ी केन्द्र 2
डाकघर- 1
प्रस्तुति- अनवर हुसैन सोनी

Tuesday, January 24, 2012

DGP reviews Police Games preparations


PATNA: Bihar DGP Abhayanand on Monday reviewed preparations for the All India Police Games to be held from February 1 to 5 atMithilesh Stadium here. The mascot for the games is 'dolphin'.
Speaking on the occasion, Abhayanand said that Bihar had been given a cluster of games which include volleyball, handball, kabaddi and basketball, to be organized at the ensuing 60th All India Police Games. About 28 teams would be participating in the games. While the exact number of participants in the games would be 1,597, the number of technical officials and referees would be 103, he said.
Expressing satisfaction on the preparations being made for the games, the DGP said a comprehensive plan has been worked out to hold the games successfully here. "It is a proud moment for Bihar police to organize such a historic event at this stadium," he said.

28 states to take part in 60th All India Police Volleyball

Patna, Jan 23 (PTI) Altogether 28 states will participate in the 60th All India Police Volleyball (Cluster) Championship, 2012 to be held in Bihar from February 1 next. Altogether 1597 players from 28 states will take part in the five-day tournament from February 1-5, 2012 being held to coincide with the centenary celebration of the foundation of the Bihar, Director General of Police (DGP) Abhayanand told reporters here. The chief minister Nitish Kumar will inaugurate the national volleyball championship for the police at the BMP ground on February 1 next, he said. The policemen from across the country will also participate in other disciplines like Basketball, Handball, Kabaddi besides Volleyball, Abhayanand said. 

स्पीडी ट्रायल तीन महीने में पूरा करने का लक्ष्य


पटना, जागरण ब्यूरो : स्पीडी ट्रायल के तहत अपराधियों को सजा दिलाये जाने के मामले को दो-तीन महीने में निपटाने के लक्ष्य पर पुलिस ने काम शुरू कर दिया है। डीजीपी अभयानंद ने बताया कि आने वाले महीने में दर्जनों ऐसे मामले आने हैं जिसमें अपराधियों को सजा दिलाने की प्रक्रिया दो-ढाई महीने में ही पूरी होगी।
उन्होंने बताया कि आरक्षी अधीक्षकों को विशेष रूप से इस तकनीक के बारे में बताया गया है कि किस तरह से ट्रायल की पूरी प्रक्रिया दो-तीन माह के भीतर पूरी की जाये। संवेदनशील मामलों के साथ-साथ विशेष प्रतिवेदित कांडों में विशेष रूप से ध्यान दिया जाना है। सरकारी वकीलों को भी समन्वय बनाने का निर्देश है।
पिछले वर्ष नौ सितंबर को लखीसराय के सूर्यगढ़ा में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी वीरेंद्र कुमार मिश्रा को गोली मार दी गयी थी। पुलिस ने वरुण कुमार नाम के अपराधी को भागते समय पकड़ लिया था। वह हथियार भी बरामद कर लिया था जिससे चिकित्सक को गोली मारी गयी थी। कांड में छह दिन के अंदर चार्जफ्रेम कर लिया था। इस कांड में चार माह में ही फैसला आ गया है। अपराधी को दस वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई गयी है।

Sunday, January 22, 2012

Register Your Complain Here


Fight Against Corruption


Govt Initiative

साभार : हिंदुस्तान दैनिक , पटना संस्करण - खबर को विस्तार से पढ़ने के लिये क्लिक करें 


Saturday, January 14, 2012

Police mull setting up 'safe houses'


PATNA: Police headquarters is planning to set up 'safe house' in each district to keep witnesses of a case, coming from outside districts, so that they could be kept at a secured place.
With the state police making much headway in speedy trial, the movement of witnesses has also increased considerably. A sub-inspector or ASI or for that matter an inspector who files chargesheet in a case, which he investigated, would take witness(es) in their custody as it becomes his duty to produce witnesses in a court. Since there is no facility at the disposal of the police at thana level, the SI or ASI concerned take witness either to his house or at an unsecured place. To prevent the escape of the witness, most of the time the junior police official cuffs his hand with that of the witness with a chain so that the latter may not escape.
DGP Abhayanand said for police it has become a very pathetic state of affairs. He said with the provision of a safe house, the junior police officers at least can have a place to keep witnesses or for that matter an accused at a safe place.
Since it would not be possible for the police headquarters to go in for construction of such a safe house, the DGP is exploring the rule whether he is empowered to take a private house for such a purpose on rent or government's nod is mandatory as finance
is involved in the matter. "Once things get cleared, police will have a safe house in each district," Abhayanand said.

Sunday, January 8, 2012

हौले हौले बोल चाय भी पिलाएगी पुलिस


दैनिक जागरण , पटना संस्करण अपने रविवार विशेष में लिखते हैं :-
हौले-हौले बोल चाय भी पिलाएगी पुलिस
 भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना :
 खाकी वर्दी को रौब और हनक के लिए जाना जाता है। लेकिन अगर वह आपसे बेहद नरम अंदाज में बात करे,
 यूं कहें कि हौले-हौले बात करते हुए आपको चाय पिलाने पास की दुकान पर ले जाए, फिर साथ में बिस्कुट भी 
लेने का आग्रह करे और चाय-बिस्किट का पैसा भी अपनी जेब से दे तो सच में हैरान करने वाली बात होगी। 
पुलिस महकमा प्रयोग के तौर पर यह काम शुरू करने जा रहा है। 50 के करीब पहुंच चुके पुलिसकर्मियों को
 विशेष रूप से इस प्रयोग के लिए चिह्नित किया जा रहा है। एक सरकारी महकमे के माध्यम से उन्हें 
मधुर व्यवहार का प्रशिक्षण दिया जाएगा। विहेवियर ट्रेनिंग का यह काम जल्द ही शुरू होना है।
 डीजीपी अभयानंद कहते हैं कि स्थानीय स्तर पर उग्र भीड़ से निपटने के लिए लाठी चार्ज या फिर जैसे को तैसा
 वाली पुलिसिया कार्रवाई हमेशा कारगर नहीं होती है। पुलिस के जवानों को बारगेनिंग स्किल भी आनी चाहिए। 
हंगामे पर आमदा भीड़ से किस तरह से बात की जाए, इसका प्रशिक्षण भी इस कार्यक्रम के तहत पुलिसकर्मियों 
को दिया जाएगा। हर जगह पर इस तरह की एक यूनिट काम करेगी, जिसे लोगों से बात करने या फिर उन्हें 
समझाने-बुझाने में दक्षता हासिल रहेगी। अधिक उम्र के पुलिस के जवानों से सामान्य तौर पर विधि-व्यस्था का काम
 लेना संभव नहीं हो पाता है। इसी श्रेणी के पुलिसकर्मियों को व्यवहार प्रशिक्षण के लिए चुना जाएगा।
 उन्हें सुबह-शाम संबंधित इलाके में लोगों के घर जाने, मुहल्ले में घूमने और उनसे अच्छे ढंग से बात कर हर रोज
 अपनी रिपोर्ट थाने में देने की जवाबदेही दी जाएगी। इस अभ्यास से थाने का अपना आसूचना तंत्र भी सुदृढ़ होगा।
 महिला पुलिसकर्मियों को भी इस तरह की ट्रेनिंग दिलाई जाएगी। पुलिस मुख्यालय अपने वृद्ध जवानों को यह ट्रेनिंग
 सरकारी महकमे के माध्यम से ही दिलाएगा। भारतीय पुलिस सेवा के ही एक अधिकारी, जो फिलहाल मानव संसाधन
 मंत्रालय के अधीन कार्यरत हैं, की देख-रेख में इस तरह के प्रशिक्षण के कैप्स्यूल विकसित किए गए हैं। 
पुलिस की योजना है कि जवानों का यह विंग सिर्फ इसी तरह के काम करे। इसके अतिरिक्त जवानों की एक यूनिट 
ऐसी भी तैयार की जाएगी, जिसे सिर्फ बड़े-बड़े पुलिस अभियानों में लगाया जा सकेगा। अभियान में जिस तरह की 
सक्रियता रहेगी, उसका उन्हें खास प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं जवानों का एक विंग को छोटे-मोटे दंगा फसाद से 
जूझने के लिए तैयार किया जाएगा। पुलिस अभी प्रयोग के तौर पर इसे आरंभ करेगी।




Friday, January 6, 2012

सरपंच की पिटाई पर सजा मिलेगी

ग्राम कचहरी भादवि की धारा 107 के तहत एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगा सकेगा 1 डीजीपी ने सभी आइजी, डीआइजी व पुलिस अधीक्षकों को भेजी अधिसूचना 1 कारावास की सजा देने का कोई अधिकार नहीं ग्राम कचहरी की न्यायपीठ के निर्णय के खिलाफ तीस दिनों के भीतर ग्राम कचहरी की पूर्ण पीठ के समक्ष अपील दायर किए जाने का प्रावधान धारा 112 के तहत है। पूर्ण पीठ की सुनवाई सात पंचों के द्वारा की जायेगी। जिन सिविल मामलों में ग्राम कचहरी को है सुनवाई का अधिकार- सिविल अधिकारिता के तहत धारा-110 के अनुसार दस हजार रुपये से कम संपत्ति, लगान की वसूली, चल संपत्ति को क्षति पहुंचाने, पशु अत्याचार व बंटवारा से संबंधित मामलों को ग्राम कचहरी में सुना जा सकेगा। भारतीय दंड संहिता के तहत इन धाराओं के तहत ग्राम कचहरी को है सुनवाई का अधिकार- 140, 142, 143, 145, 147, 151, 153,160, 172, 174,178, 179, 269, 277, 283, 285, 286, 289, 290, 294, 294 (ए), 332, 334, 336, 341, 352, 356, 357, 374, 403, 426, 428, 430, 447, 448, 502, 504, 506 व 510. फैसले से क्षुब्ध हो सरपंच को पीटा तो दर्ज होगा विशेष कांड पटना, जागरण ब्यूरो : पुलिस मुख्यालय ने ग्राम कचहरी के क्षेत्राधिकार में पड़ने वाले आपराधिक व सिविल वाद से संबंधित मामलों को सीधे थाने से सरपंच तक भेजे जाने की राह आसन बना दी है। इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी गयी है। डीजीपी अभयानंद ने बताया कि इस बारे में सभी प्रक्षेत्रीय आइजी, डीआइजी व पुलिस अधीक्षकों को आदेश भी जारी कर दिया गया है। पुलिस मुख्यालय ने फैसला सुनाने वाले सरपंचों की सुरक्षा व्यवस्था का भी पूरा ख्याल रखा है। डीजीपी अभयानंद ने कहा कि ऐसे दृष्टांत सामने आते रहे हैं कि ग्राम कचहरी व सरपंच द्वारा जब अपने विधिक अधिकारों का प्रयोग किया जाता है तो फैसले की परिधि में आने वाला क्षुब्ध व्यक्ति सरपंच के विरुद्ध ही आपराधिक मामला दर्ज करा देते हैं। कई बार सरपंच पर हमला भी हो जाता है। पुलिस मुख्यालय द्वारा इस बाबत जारी अधिसूचना में इस बात का प्रावधान किया गया है कि ऐसे मामले में हमला करने वाले व्यक्ति पर जो कांड दर्ज हो उन्हें विशेष प्रतिवेदित कांड में शामिल कर लिया जाये। प्राथमिकता के आधार पर पुलिस अधीक्षक के स्तर पर उसका पर्यवेक्षण होगा। थानेदारों के लिए यह प्रावधान है कि धारा 113 के तहत वह ग्राम कचहरी से संबंधित मामलों को वहां भेजेंगे। न्यायालय के स्तर से भी ग्राम कचहरी को मामले भेजे जा सकेंगे। अगर किसी न्यायालय को ऐसा प्रतीत होता है कि मामला ग्राम कचहरी के स्तर पर विचारणीय है तो उक्त मामले को स्थानांतरित कर दिया जायेगा। धारा-115 के तहत न्यायालय स्वत: या सूचना प्राप्त होने पर ग्राम कचहरी द्वारा विचाराधीन मामले को वापस कर देगा।