Friday, June 19, 2009

थोड़ा तेज बनें, ज्यादा दिमाग लगाएं : अभयानंद




सुपर थर्टी के प्रणेता अभयानंद ने कहा कि सकारात्मक सोच एवं सही मार्गदर्शन प्राप्त कर कोई भी छात्र आईआईटी जेईईई में सफलता प्राप्त कर सकता हैं। उन्होंने बताया कि इस प्रतियोगिता में छात्रों को खूब तेज होने की आवश्यकता नहीं हैं, बस थोड़ा तेज बने और ज्यादा दिमाग लगाएं। श्री अभयानंद गुरूवार को टाउन हाल में आयोजित अंग सुपर थर्टी के सफल छात्रों के सम्मान समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि छात्रों को ज्यादा ज्ञान प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है। उन्हें गणित, भौतिकी व रसायन में योजनाबद्ध तरीके से पढ़ाई करने की जरूरत है। एडीजीपी ने कहा कि पहले इंजीनियरिंग पास करने के लिए छात्रों को लगता था कि बिना रुपये के इस क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि सुपर थर्टी ने इस भ्रम को तोड़ दिया है और गरीब व होनहार छात्र भी अब इंजीनियरिंग में जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुपर थर्टी ने पिछले छह-सात वर्षो में गरीब व होनहार छात्रों को उचित मार्गदर्शन देकर इंजीनियरिंग में भेजने का काम किया है। इससे पूर्व उन्होंने अंग सुपर थर्टी के छात्र अनुनय, ज्ञानेश, विवेक को अंग वस्त्र व मेडल देकर सम्मानित किया। इस समारोह में दो छात्र उपस्थित नहीं हो पाए। कार्यक्रम में एडीजीपी की पत्‍‌नी डा. नूतन आनंद ने उम्मीद जतायी कि सुपर थर्टी में आगे भी सफलता का ग्राफ बढ़ता रहेगा। इस मौके पर शिक्षक मुरारी ने छात्रों को सलाह दी कि वे करियर के दृष्टिकोण से दो-तीन साल तक मोह-माया के जाल में नहीं फंसे। जबकि शिक्षक केके सुमन ने छात्रों को योजनाबद्ध तरीके से पढ़ने की सलाह दी। इससे पूर्व अतिथियों का स्वागत करते हुए राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डा. टीपी सिंह ने कहा कि सुपर थर्टी के प्रणेता अभयानंद ने मासूम बच्चों का सपना साकार कराने का काम किया है। इस मौके पर अंग सुपर थर्टी के स्थानीय निदेशक संजय कुमार चौहान ने छात्रों की सफलता पर बधाई दी। इस मौके पर छात्रों के अभिभावकों उपस्थित थे। सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी बखूबी साजर्ेंट अनिल कुमार ने निभायी।

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