पद से कहीं ऊंचा है कांस्टेबल रंजीता का काम | |
बिहार के मुंगेर जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में जब कांस्टेबल के पद पर रंजीता मिश्रा ने कार्यभार सम्भाला तो यह कोई नहीं जानता था कि वह इस क्षेत्र में एक बेमिसाल कहानी लिख डालेंगी। भारतीय महिला फुटबॉल टीम की सदस्य रह चुकी रंजीता से प्रशिक्षण प्राप्त मुंगेर के चार बच्चे पिछले वर्ष राष्ट्रीय फुटबॉल अंडर-13 टीम में चयनित हो चुके हैं। इस साल भी एक बच्चे का चयन राष्ट्रीय फुटबॉल टीम अंडर-14 में हुआ है, जबकि चार बच्चों का चयन किशनगंज भारतीय प्राधिकरण प्रशिक्षण केंद्र (साई) के लिए किया गया है। उन्होंने पुलिस में अपनी ड्यूटी करते हुए इन बच्चों को फुटबॉल का प्रशिक्षण दिया। मुंगेर जिला पुलिस बल में रंजीता वर्ष 2007 में कांस्टेबल के तौर पर शामिल हुई थीं। उनके लिए यह जगह नई नहीं थी, क्योंकि पिता की नौकरी के दौरान वह कुछ समय तक उनके साथ यहां रह चुकी थीं। उन्होंने बताया, ‘जब मैं छोटी थी तो गंगा किनारे छोटे बच्चों को लोगों का सामान ढोते देखती थी। इसके बदले मिले पैसों से बच्चे नशा करते थे। कांस्टेबल की नौकरी मिलने के बाद मैंने इन बच्चों को इकट्ठा किया और इनका नामांकन स्कूल में कराया। कुछ दिन बाद उन्हें फुटबॉल का प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया।’ आज उनके पास 75 बच्चे प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, जिनके अभिभावक रिक्शा चालक हैं या फिर सफाई और मजदूरी का काम करते हैं। उनके मुताबिक ‘इस काम के लिए मुझे न तो किसी औद्योगिक घराने से कोई मदद मिली और न ही सरकार से। अपने वेतन और समय-समय पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की मदद से ही बच्चों को प्रशिक्षण दे रही हूं। उन्हें खेल सामग्री भी समय-समय पर पुलिस अधिकारी ही उपलब्ध कराते हैं।’ बिहार के भोजपुर की रहने वाली रंजीता मुंगेर के पोलो मैदान में जब बच्चों को फुटबॉल का प्रशिक्षण देती हैं तो कई लोग उन्हें देखने के लिए जमा हो जाते हैं। वह बच्चों को पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की उस पंक्ति का पाठ पढ़ा रही हैं, जिसमें उन्होंने ऊंचे सपने देखने की बात कही है, ताकि उन्हें पूरा करने की कोशिश की जा सके। पिछले दिनों राज्य के पुलिस महानिदेशक अभयानंद ने अपने मुंगेर दौरे के दौरान रंजीता से मुलाकात की थी। इस काम के लिए उन्हें शाबाशी देते हुए पुलिस महानिदेशक ने रंजीता को पांच हजार रुपये का पुरस्कार देने की भी घोषणा की थी। |
Ex Director General of Police- Bihar. A super Cop who designed super achievers of SUPER 30 , Special Auxiliary Police , Speedy Trials , BMP Hospital , Series of Super 30 in various part of India and many more feathers in his cap ....
Wednesday, November 23, 2011
पद से कहीं ऊंचा है कांस्टेबल रंजीता का काम
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