courtsey : Thaindian News
Patna, March 31 (IANS) Indian Institutes of Technology (IITs) aspirants across Bihar Tuesday offered prayers for the wellbeing of senior police officer Abhyanand, involved with Super 30 - an initiative which selects a group of 30 aspirants for the prestigious institutes from poor and marginalised families and provides free coaching, food and accommodation.Abhyanand, an additional director general of police, who coached such students, suddenly fell seriously ill after he arrived to conduct a test for selection of Super 30 students here.
“Minutes before a test for selection of students for Super 30 was to be began, Abhyanand fell ill and was rushed to a private nursing home, where doctors detected a stone in his gall bladder and operated on him,” a family friend said.
“This news spread like wildfire across Bihar and outside, and students, their parents, teachers and others offered prayers at different places of worship and at their residences and offices for wellbeing of Abhyanand Sir, as he is popularly known here,” said Arshad Ahmad, a Super 30 aspirant.
Hundreds of students and their parents had come to the test centre and were shocked after news of Abhyanand’s illness reached them. However, they were told that Abhyanand, before being admitted to the hospital, advised them to take the test as scheduled.
Abhyanand, who launched Super 30 along with mathematician Anand Kumar in 2003, had started another experiment to spot talented students, particularly from marginalised sections and Muslim students from poor families and to help them crack the IIT entrance examination, on the lines of Super 30.
As many as 18 of Super 30’s students cracked the IIT entrance in 2003. The number rose to 22 in 2004 and 26 in 2005. This year, all 30 students had cleared the entrance.
Ex Director General of Police- Bihar. A super Cop who designed super achievers of SUPER 30 , Special Auxiliary Police , Speedy Trials , BMP Hospital , Series of Super 30 in various part of India and many more feathers in his cap ....
Tuesday, March 31, 2009
Thursday, March 26, 2009
Abhayanand - Guest of honour - Technika 2009 ,BIT-MESRA extension at PATNA
साभार : दैनिक जागरण , इन्टरनेट संस्करण
नये सिद्धांत प्रतिपादित करें युवा : अभयानंद
पटना पिछले ढाई तीन दशकों से विज्ञान के क्षेत्र में कोई नई महत्वपूर्ण खोज नहीं हुई है। हम विज्ञान के पुराने प्रतिपादित सिद्धांतों की मदद से मानव कल्याण में जुटे हैं। आज आवश्यकता इस बात की है कि विज्ञान व तकनीक से जुड़े युवा विद्यार्थी कुछ नये सिद्धांत को प्रतिपादित करने का प्रयास करें। यह सुझाव बीएमपी के एडीजी अभयानंद ने दिया। वे रविवार को बीआईटी मेसरा की पटना इकाई में आयोजित वार्षिक तकनीकी उत्सव टेक्निका 09 के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
श्री अभयानंद ने कहा कि आज आवश्यकता इस बात की है कि युवा विज्ञान व तकनीकी शिक्षा के मूलभूत सिद्धांतों को आंख मूंद कर मानने की बजाय उसके संबंध में प्रश्न पूछें। इससे ही कुछ नई बात निकल कर आयेगी। उन्होंने कहा कि हमारे शिक्षक समाज से प्रभावित होते हैं। इसलिए उन्हें चाहिये कि वे समाज की बेहतरी के लिए भी प्रयास करें। मौके पर बिहार इलेक्ट्रिसिटी रेग्यूलेटरी कमीशन के अध्यक्ष बी.के.हलधर ने कहा कि आज शिक्षकों की कमी हर शिक्षण संस्थान में है। एक रिपोर्ट के अनुसार आईआईटी में भी करीब 33 प्रतिशत शिक्षकों की कमी है। इसी से बीआईटी भी प्रभावित है। शिक्षकों की कमी की भरपाई के लिए उच्च तकनीक व बेहतर पुस्तकालय की उपलब्धता को उन्होंने आवश्यक बताया। उन्होंने सुझाव दिया कि संस्थान के छात्रों को लैपटाप उपलब्ध कराया जायेो लैपटीन शोध व अन्य संस्थानों में होने वाले लेक्चरों को सर्वर में सेव किया जाये। जिससे छात्र जब चाहें उसका इस्तेमाल कर सकें। छात्रों की सुविधा के लिए यहां के पुस्तकालय को सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक खोला जाये। जिससे यहां के छात्र इसका अधिकतम इस्तेमाल कर सकें। उन्होंने कहा कि बीआईटी की पटना में शाखा खुलने से प्रदेश की जनता का वर्षो पुराना सपना साकार हुआ है।
इससे पूर्व बीआईटी पटना के निदेशक प्रो.बी.एन.गिरि ने कालेज की शैक्षणिक उपलब्धियों पर चर्चा की। उन्होंने अपने छात्रों द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताओं में जीते गये पुरस्कारों की चर्चा करने के साथ-साथ यहां के फैकेल्टी के संबंध में भी जानकारी दी। प्रो. गिरि ने कहा कि अभी संस्थान की शुरुआत हुई है, लेकिन भरोसा दिलाया कि भविष्य में बीआईटी मेसरा की पटना इकाई भी अपना मुकाम हासिल कर लेगी। मौके पर बीआईटी मेसरा के बोर्ड आफ गवर्नर के सदस्य व बिहार के पूर्व मुख्य अभियंता प्रो.जी.पी.लाल, कार्यक्रम के संयोजक एस.एम.सहाय आदि मौजूद थे। इस अवसर पर उत्सव की पत्रिका का विमोचन भी किया गया।
दो दिवसीय वार्षिक तकनीकी उत्सव के पहले दिन रविवार को रोबोट का महासंग्राम, क्विज व रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता के दौरान 15 एकल व सामूहिक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जायेगा। सांस्कृतिक कार्यक्रम में लोकनृत्य, नाट्यकला, हास्य प्रतियोगिता, राक शो जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। रविवार को सुपर माडल प्रतियोगिता का पहला पुरस्कार बीआईटी मेसरा, पटना के गिरीश नायक व कुमार पुरुषोत्तम की टीम ने जीता। दूसरा पुरस्कार इसी कालेज के पवन, राहुल, सुमित व रंजन द्वारा बनाये गये माडल को दिया गया। जबकि तीसरा पुरस्कार अंकित, नीतीश, निशांत व आकाश के माडल को दिया गया। आई-माडल प्रतियोगिता में केवल दो ही पुरस्कार दिये गये। पहला पुरस्कार 2008 बैच के अभिनव कृष्ण, शांक व अभिषेक की टीम को मिला, जबकि दूसरा पुरस्कार 2006 बैच के अंशु व आलोक की टीम ने जीता। दोनों टीमें बीआईटी पटना इकाई की हैं। आई-क्वेस्ट प्रतियोगिता का पहला पुरस्कार उत्सव चटर्जी, मृत्युंजय कुमार को, द्वितीय पुरस्कार वाजपेयी प्रतीक व राहुल कुमार को तथा तीसरा पुरस्कार एस।अहमद व मनीष कुमार झा की टीम को मिला। ओपन स्पेश में पहला पुरस्कार प्रशांत सौरभ, पंकज चौधरी व प्रशांत यादव की टीम को, द्वितीय पुरस्कार बजरंग कुमार व राहुल कुमार की टीम को तथा तृतीय पुरस्कार संदीप सौरभ व अजीत कुमार की टीम को मिला। रोबोटिक्स में पहला पुरस्कार एनआईटी पटना की टीम ने झटक लिया। इसमें प्रभाकर कुमार, कुमार विभीर, सौरभ गांधी व जितेन्द्र कुमार की टीम ने जीता। दूसरा व तीसरा पुरस्कार बीआईटी मेसरा की टीम ने जीता। दूसरा पुरस्कार जीतने वाली टीम में नवनीत, देवांग व चेतन शामिल थे। जबकि तीसरा पुरस्कार सौरभ, रवि प्रकाश व सुमित कुमार की टीम ने जीता। बाकी प्रतियोगिताओं के विजेताओं की घोषणा सोमवार को की जायेगी। इन प्रतियोगिताओं में आईआईटी, एनआईटी, साइंस कालेज, पटना वीमेंस कालेज के अतिरिक्त देश के विभिन्न तकनीकी कालेजों के छात्र शामिल हुए। तकनीकी सत्र के अतिरिक्त बीआईटी पूर्ववर्ती छात्रों का मिलन समारोह भी आयोजित किया गया।
नये सिद्धांत प्रतिपादित करें युवा : अभयानंद
पटना पिछले ढाई तीन दशकों से विज्ञान के क्षेत्र में कोई नई महत्वपूर्ण खोज नहीं हुई है। हम विज्ञान के पुराने प्रतिपादित सिद्धांतों की मदद से मानव कल्याण में जुटे हैं। आज आवश्यकता इस बात की है कि विज्ञान व तकनीक से जुड़े युवा विद्यार्थी कुछ नये सिद्धांत को प्रतिपादित करने का प्रयास करें। यह सुझाव बीएमपी के एडीजी अभयानंद ने दिया। वे रविवार को बीआईटी मेसरा की पटना इकाई में आयोजित वार्षिक तकनीकी उत्सव टेक्निका 09 के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
श्री अभयानंद ने कहा कि आज आवश्यकता इस बात की है कि युवा विज्ञान व तकनीकी शिक्षा के मूलभूत सिद्धांतों को आंख मूंद कर मानने की बजाय उसके संबंध में प्रश्न पूछें। इससे ही कुछ नई बात निकल कर आयेगी। उन्होंने कहा कि हमारे शिक्षक समाज से प्रभावित होते हैं। इसलिए उन्हें चाहिये कि वे समाज की बेहतरी के लिए भी प्रयास करें। मौके पर बिहार इलेक्ट्रिसिटी रेग्यूलेटरी कमीशन के अध्यक्ष बी.के.हलधर ने कहा कि आज शिक्षकों की कमी हर शिक्षण संस्थान में है। एक रिपोर्ट के अनुसार आईआईटी में भी करीब 33 प्रतिशत शिक्षकों की कमी है। इसी से बीआईटी भी प्रभावित है। शिक्षकों की कमी की भरपाई के लिए उच्च तकनीक व बेहतर पुस्तकालय की उपलब्धता को उन्होंने आवश्यक बताया। उन्होंने सुझाव दिया कि संस्थान के छात्रों को लैपटाप उपलब्ध कराया जायेो लैपटीन शोध व अन्य संस्थानों में होने वाले लेक्चरों को सर्वर में सेव किया जाये। जिससे छात्र जब चाहें उसका इस्तेमाल कर सकें। छात्रों की सुविधा के लिए यहां के पुस्तकालय को सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक खोला जाये। जिससे यहां के छात्र इसका अधिकतम इस्तेमाल कर सकें। उन्होंने कहा कि बीआईटी की पटना में शाखा खुलने से प्रदेश की जनता का वर्षो पुराना सपना साकार हुआ है।
इससे पूर्व बीआईटी पटना के निदेशक प्रो.बी.एन.गिरि ने कालेज की शैक्षणिक उपलब्धियों पर चर्चा की। उन्होंने अपने छात्रों द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताओं में जीते गये पुरस्कारों की चर्चा करने के साथ-साथ यहां के फैकेल्टी के संबंध में भी जानकारी दी। प्रो. गिरि ने कहा कि अभी संस्थान की शुरुआत हुई है, लेकिन भरोसा दिलाया कि भविष्य में बीआईटी मेसरा की पटना इकाई भी अपना मुकाम हासिल कर लेगी। मौके पर बीआईटी मेसरा के बोर्ड आफ गवर्नर के सदस्य व बिहार के पूर्व मुख्य अभियंता प्रो.जी.पी.लाल, कार्यक्रम के संयोजक एस.एम.सहाय आदि मौजूद थे। इस अवसर पर उत्सव की पत्रिका का विमोचन भी किया गया।
दो दिवसीय वार्षिक तकनीकी उत्सव के पहले दिन रविवार को रोबोट का महासंग्राम, क्विज व रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता के दौरान 15 एकल व सामूहिक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जायेगा। सांस्कृतिक कार्यक्रम में लोकनृत्य, नाट्यकला, हास्य प्रतियोगिता, राक शो जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। रविवार को सुपर माडल प्रतियोगिता का पहला पुरस्कार बीआईटी मेसरा, पटना के गिरीश नायक व कुमार पुरुषोत्तम की टीम ने जीता। दूसरा पुरस्कार इसी कालेज के पवन, राहुल, सुमित व रंजन द्वारा बनाये गये माडल को दिया गया। जबकि तीसरा पुरस्कार अंकित, नीतीश, निशांत व आकाश के माडल को दिया गया। आई-माडल प्रतियोगिता में केवल दो ही पुरस्कार दिये गये। पहला पुरस्कार 2008 बैच के अभिनव कृष्ण, शांक व अभिषेक की टीम को मिला, जबकि दूसरा पुरस्कार 2006 बैच के अंशु व आलोक की टीम ने जीता। दोनों टीमें बीआईटी पटना इकाई की हैं। आई-क्वेस्ट प्रतियोगिता का पहला पुरस्कार उत्सव चटर्जी, मृत्युंजय कुमार को, द्वितीय पुरस्कार वाजपेयी प्रतीक व राहुल कुमार को तथा तीसरा पुरस्कार एस।अहमद व मनीष कुमार झा की टीम को मिला। ओपन स्पेश में पहला पुरस्कार प्रशांत सौरभ, पंकज चौधरी व प्रशांत यादव की टीम को, द्वितीय पुरस्कार बजरंग कुमार व राहुल कुमार की टीम को तथा तृतीय पुरस्कार संदीप सौरभ व अजीत कुमार की टीम को मिला। रोबोटिक्स में पहला पुरस्कार एनआईटी पटना की टीम ने झटक लिया। इसमें प्रभाकर कुमार, कुमार विभीर, सौरभ गांधी व जितेन्द्र कुमार की टीम ने जीता। दूसरा व तीसरा पुरस्कार बीआईटी मेसरा की टीम ने जीता। दूसरा पुरस्कार जीतने वाली टीम में नवनीत, देवांग व चेतन शामिल थे। जबकि तीसरा पुरस्कार सौरभ, रवि प्रकाश व सुमित कुमार की टीम ने जीता। बाकी प्रतियोगिताओं के विजेताओं की घोषणा सोमवार को की जायेगी। इन प्रतियोगिताओं में आईआईटी, एनआईटी, साइंस कालेज, पटना वीमेंस कालेज के अतिरिक्त देश के विभिन्न तकनीकी कालेजों के छात्र शामिल हुए। तकनीकी सत्र के अतिरिक्त बीआईटी पूर्ववर्ती छात्रों का मिलन समारोह भी आयोजित किया गया।
PATNA: It was a day full of fun and frolic both for the present day students as well as the alumni of Birla Institute of Technology (BIT) Patna
here on Sunday. The occasion was provided by its first technical festival Technika, 2009-cum-Alumni Meet. Inaugurating the meet, Bihar State Electricity Regulatory Commission chairman B K Halder appreciated the quick pace of infrastructural development of BIT Patna and stressed the need of e-teaching. He also pleaded for creating a common pool of knowledge so that quality technical education could be imparted to the budding technocrats all over India.
Bihar Military Police (BMP) additional director general Abhyanand, who was the guest of honour, inspired students by defining technology as a tool for the betterment of humanity. He said that they should not become only engineers, but humanitarians, too. He advised the faculty members to extract maximum output from the students and also encouraged them to improve education at the grassroot level.
Institute director B N Giri presented the annual report highlighting the overall achievements of BIT Patna. Governing body member G P Lal and member and Technika convener S M Sahay also addressed the students. A souvenir was also released on the occasion. In different competitions organized on the first day of the festival, the winners included Girish Nayak and Kumar Paritosh (super model of hovercraft), Abhinav Krishna, Shaank and Abhishek (I-mobile), Utsav Chatterjee and Mrityunjay Kumar (I-quest), Prashant Saurabh, Pankaj Chaudhary and Prashant Yadav (open space) and Prabhakar Kumar, Kumar Vibir, Saurabh Gandhi and Jitendra Kumar (robotics). Various cultural programmes, including folk dances from different regions of India, dramatics and laughter show were organized by the students.
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